
गर्भवती पशु को दी जाने वाली अच्छी देखभाल और प्रबंधन से स्वस्थ बछड़ा मिलेगा और लगातार दुग्धपान के दौरान दूध का उत्पादन भी अधिक होगा |
गर्भवती पशु के आहार में 1.25 से 1.75 किलोग्राम का अतिरिक्त सांद्र मिश्रण (दाना) प्रदान किया जाना चाहिए। अच्छी गुणवत्ता वाला फलीदार चारा (जैसे बरसीम) खिलाएं।
पशु बहुत दुबले और अधिक मोटे होने की स्थिति में नहीं होना चाहिए।
गर्भवती पशु को स्वच्छ पेयजल प्रदान करें और गर्मी के तनाव से सुरक्षा प्रदान करें।
उन्हें अन्य जानवरों के साथ मिलने की अनुमति न दें जो गर्भपात कर चुके हैं या जो ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियों के वाहक हैं या पीड़ित हैं ।
मध्यम व्यायाम की अनुमति दें, जो सामान्य प्रसव में मदद करता है।
विशेष रूप से असमान सतहों पर लंबी दूरी तक चलाकर उन्हें थकाएं नहीं।
उन्हें अन्य जानवरों से लड़ने की अनुमति न दें और ध्यान रखें कि कुत्ते और अन्य जानवर उनका पीछा न करें।

फिसलन की स्थिति से बचाएं जिसके कारण पशु को फ्रैक्चर आदि होने की संभावना अधिक हो जाती है।
यदि सटीक प्रजनन रिकॉर्ड उपलब्ध हैं, तो ब्याने की अपेक्षित तिथि की गणना करें और पशु को एक या 2 सप्ताह पहले अलग कर लें तथा अलग पेन(बाड़े) में स्थानांतरित कर दें।
इन पेनों (बाड़ो )को अच्छी तरह से साफ किया जाना चाहिये और ताजा बिछौना उपलब्ध कराया जा सकता है।
गर्भ के अंतिम 8 सप्ताह के दौरान एक किलो अतिरिक्त दाना दें।
ब्याने से लगभग 3-5 दिन पहले और बाद में लैक्सेटिव खिलाएं (गेहूं का चोकर 3 किग्रा + मूंगफली की खली का 0.5 ग्राम + नमक का 100 ग्राम खनिज मिश्रण)।
प्रसव के लक्षण देखे जा सकते हैं – जैसे योनी का ढीला पड़ना , थन की सूजन, आमतौर पर अधिकांश जानवर बिना किसी मदद के प्रसव कर देते हैं।
यदि कोई कठिनाई हो तो पशु चिकित्सक से सहायता लें।
प्रसव के बाद बाहरी जननांग, पार्श्व को साफ करना चाहिए और जानवर को ठंड से बचाना चाहिए और गर्म पानी देना चाहिए। प्लेसेंटा(ज़ेर) सामान्य रूप से गाय को ब्याने के 2 – 4 घंटे के भीतर छोड़ देता है यदि ज्यादा समय लगता है तो इस स्थिति में पशु चिकित्सक की मदद लेनी चाहिये।
पीने के पानी तक आसान पहुंच प्रदान करें।
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